अपने मासिक धर्म की स्वच्छता कैसे बनाए रखें
Jan 18, 2022
क्या आप जानते हैं की पूरी दुनिया में 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 2014 में जर्मनी के एक एनजीओ वाश यूनाइटेड ने की थी।
वह महिलाओं और लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहते हैं क्योंकि आज भी कई महिलाएं और लड़कियां मासिक धर्म पर बात करने में झिझकती हैं।
जबकि मासिक धर्म हर महिला के जीवन का हिस्सा है और महिलाओं के लिए यह एक प्राकृतिक सामान्य जैविक प्रक्रिया है।
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं में कई मानसिक, शारीरिक व हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसके बारे में ना वह खुद जानती है ना किसी से बात कर पाती है ।
जिस कारण उनको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज भी कई देशों में महिलाएं मासिक धर्म पर बात करने में शर्माती हैं।
जिस कारण उन्हें पता नहीं होता है कि मासिक धर्म के दौरान कैसी स्वच्छता रखी जाती हैं और वह कई बीमारियों से पीड़ित हो जाती हैं।
स्वच्छता के उपाय
आज के गांव देहात में महिलाएं मासिक धर्म के दौरान पुराने कपड़े का उपयोग करती हैं क्योंकि वह नहीं जानती हैं कि कपड़े से इंफेक्शन होने का डर होता है।
मासिक धर्म के दौरान हमें सेनेटरी पैड इस्तेमाल करना चाहिए और एक पैड को 5 से 6 घंटे तक ही इस्तेमाल करना चाहिए।
लंबी अवधि तक एक ही पैड इस्तेमाल करने से संक्रमण का डर रहता है, इसलिए हर 5 घंटे बाद पैड बदलने चाहिए।
वैसे तो हमेशा अपनी साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए लेकिन मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इस समय रक्त स्राव के कारण बैक्टीरिया पनपने का और साथ ही दुर्गंध आने का डर होता है, इसलिए थोड़ी थोड़ी देर में पानी से शरीर को धोना चाहिए।
गीले पैड को लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इससे आपके जांघों और गुप्त अंगो में जलन हो सकती हैं, इसलिए गीले पैड तुरंत बदल ले।
इस्तेमाल किये गये पैड को अखबार में लपेट कर कूड़ेदान में फेंकना चाहिए। कभी भी सेनेटरी पैड को फ्लश ना करें।
मासिक धर्म के दौरान अपने बैग में सेनेटरी पैड, टीशू पेपर और एंटीसेप्टिक दवाइयां रखें क्योंकि कभी भी इनकी जरूरत पड़ सकती है।
कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द, सिर दर्द, जी मचलाना, हाथ पैरों में दर्द, चिड़चिड़ापन भूख न लगना जैसे समस्याएं हो जाती है।
मासिक धर्म के दौरान महिलाएं कितनी भी असहज क्यों ना हो वो घर और बाहर का काम बखूबी करती हैं।
यह भी पढ़ें: महिलाओं में हार्मोनल संतुलन के लिए 10 प्रभावी जड़ी बूटियां
स्वच्छता के प्रति जागरूकता
आज की युवा पीढ़ी मासिक धर्म के बारे में बात करने से ज्यादा नहीं हिचकते है, क्योंकि टेलीविजन में कई प्रकार के विज्ञापन, अखबार, और मैगजीन मे भी मासिक धर्म के बारे में लेख आने शुरू हो गए हैं ।
जिनसे काफी महिलाएं और लड़कियां जागरूक हो रही है और अब कई विद्यालयों मे भी लड़कियों को मासिक धर्म के बारे में शिक्षित किया जा रहा है, की उन्हें उस दौरान अपने स्वच्छता कैसे रखनी है।
और सेनेटरी पैड को कैसे इस्तेमाल किया जाए, कितने घंटे तक सेनेटरी पैड को इस्तेमाल कर सकते हैं इत्यादि जानकारी दी जाने लगी है
कई विद्यालयों में तो पैड मुफ्त दिए जाते हैं और सरकार की ओर से भी महिलाओं को अलग-अलग संस्थानों से कम दामों पर या मुफ्त में पैड वितरण किये जाते हैं।
आजकल जैसे आंगनबाड़ी, सिलाई केंद्र इत्यादि जैसे कई छोटे-छोटे संस्था महिलाओं को मासिक धर्म के बारे में शिक्षित कर रहे हैं, जिससे कि महिलाएं और लड़कियां मासिक धर्म के बारे में खुल कर बात कर सके और अपनी समस्या खुलकर बता सके क्योंकि पहले महिलाएं मासिक धर्म के बारे में बात करने में संकोच करती थी और उन्हें कोई भी परेशानी हो वह किसी को बताती नहीं थी और खुद ही उसका इलाज करने लगती थी, जिस कारण उन्हें इंफेक्शन ,जलन, पेट दर्द जैसी समस्याएं होने लगती थी।
लेकिन आज महिलाओं को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है की उन्हें इस दौरान साफ गारमेंट्स पहननी चाहिए और उन्हें मासिक धर्म के दौरान सूती कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि सूती कपड़ा मुलायम होता है टांगों में या प्राइवेट पार्ट में जलन नहीं देता।
मासिक धर्म के दौरान अपने खानपान का भी पूरा ध्यान रखें क्योंकि इस दौरान कई महिलाओं और लड़कियों को भूख न लगने की शिकायत होती है और ना ही ठीक से अपने खान-पान पर ध्यान देती हैं।
जिसके कारण उन्हें कमजोरी, चक्कर आना ,थकान, सुस्ती जैसे शिकायतें हो जाती हैं।
लेकिन महिलाओं को इस दौरान पौष्टिक आहार की जरूरत होती है।
हरी सब्जियां, दूध, फल इत्यादि का भरपूर सेवन करना चाहिए और कुछ हल्के व्यायाम और योगा भी कर सकते हैं क्योंकि व्यायाम करने से मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है,या फिर सुबह या शाम कभी भी सैर पर जा सकते हैं ।
बाहर के वातावरण में आप खुश और शहज रहेंगी, ना की खुद को 5 से 7 दिन के लिए घर में कैद करके रख ले। इसके प्रति महिलाओं और लड़कियों को जागरूक किया जा रहा है।
मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव, पेट में ऐठन एवं दुर्गंध जैसे लक्षण दिखाई दे तो आप डॉक्टर के पास जाएं।
मासिक धर्म स्वच्छता बनाए रखने के टिप्स
मासिक धर्म स्वच्छता बनाए रखने के लिए निश्चित करना होगा कि आप अपना सेनेटरी पैड 5-6 घंटे बाद अवश्य बदलें क्योंकि आप गीले पैड को लंबे समय के लिए लगाकर रखेंगे तो आप को इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
कभी भी पैड की जगह सूती कपड़े का इस्तेमाल ना करें क्योंकि सूती कपड़े का इस्तेमाल स्वच्छता के लिहाज से ठीक नहीं है।
आप पैड बदलें अपने गुप्तांगों को अच्छे से धोएं और साफ करें उसके बाद नया पैड इस्तेमाल करें फिर अपने हाथों को गर्म पानी और साबुन से अच्छे से धोएं, इससे संक्रमण का खतरा नहीं होगा।
मासिक धर्म के दौरान हर रोज अच्छे से स्नान करें और रात को पैड बदलकर सोए जिससे बदबू और इंफेक्शन का खतरा नहीं होगा, नहीं तो गंदे पैड़ से संक्रमण हो सकता है।
अपने मासिक धर्म पर कभी भी संकोच ना करें और अपनी स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें क्योंकि गंदगी और अस्वच्छता से अनेक बीमारियां पैदा होती हैं जो हमें आगे चलकर बीमार कर सकती हैं।
इसलिए अगर हमें कभी अधिक रक्तस्राव जैसी शिकायत हो तो चिकित्सक की मदद अवश्य ले।
इसे अनदेखा ना करें क्योंकि यह कोई नई बीमारी को जन्म दे सकता है, ऐसे में लापरवाही बिल्कुल ना करें।
जब महिलाएं खुद इस दौरान स्वस्थ और स्वच्छ रहेंगे तब पूरे परिवार और समाज की अच्छे से देखभाल कर पाएंगी।
निष्कर्ष
ऊपर बताए गए मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में आप लिखी सभी चीजों को अपनाएं तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।
जैसे कि हमने बताया है कि गीले पैड और सूती कपड़े का इस्तेमाल से शरीर मे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है ।
सफाई का पूरा ध्यान रखना है और खान पान पौष्टिक आहार का भी पूरा ध्यान रखना है क्योंकि इस दौरान शरीर में बहुत कमजोरी आती है, शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है इसलिए हमें इस दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए।
मासिक धर्म के बारे में शर्माए नहीं, खुल के बात करें और दूसरी महिलाओं को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करें।
किशोरियों से मासिक धर्म की बारे में बात करें और स्वच्छता के बारे में जागरूक करें, जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी हमेशा स्वस्थ रहेगी।
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