अनियमित नींद चक्र के प्रभाव और कारण

अनियमित नींद चक्र के प्रभाव और कारण

Jan 18, 2022

हम सभी जानते हैं कि पर्याप्त नींद शरीर के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। हमें स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद की आवश्यकता होती है।

आज हम स्वस्थ आहार अपने शरीर को दे रहे हैं, लेकिन पर्याप्त नींद नहीं दे पा रहे हैं।

पर्याप्त नींद से हम मानसिक और शारीरिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं। एक मनुष्य को 8 घंटे की नींद लेना अनिवार्य है।

लेकिन आजकल पर्याप्त नींद लेना दुर्लभ हो गया है। जिसके कारण लोग अनियमित नींद चक्र विकार से जूझ रहे हैं।

अगर कोई अनियमित नींद पैटर्न से जूझ रहा है तो उसे आने वाले समय में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

अनियमित नींद चक्र के कारण आपके शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बहुत कम हो जाती है जिससे आपके शरीर को रोगग्रस्त होना पड़ सकता है।

रात को सोने में परेशानी, नींद न आने की समस्या और आधी रात में उठ जाना अनियमित नींद के कारण होता है।

अनियमित नींद चक्र को एक विकार के रूप में माना जाता है।

खराब गुणवत्ता के कारण हम कब जाग रहे हैं, कब सो रहे हैं, हमें पता नही होता है, जिससे हमें मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है।

अनियमित नींद चक्र के कारण हमें दर्द, चक्कर आना, बुखार जैसी बीमारियां हो जाती हैं।

अनियमित नींद चक्र के कारण

खराब जीवनशैली

खराब जीवनशैली अनियमित नींद चक्र का एक प्रमुख कारण है।

अगर हमारी दिनचर्या में सही समय पर खाने-पीने व सोने और जागने का चक्र ठीक ना हो तो हम अनिद्रा का शिकार हो जाते हैं।

हर रोज सोने के समय में बदलाव और दिन में सो जाना, रात का भोजन देर से करना, रात को नशीले पदार्थों का भोग करना, देर रात में चाय और कॉफी पीना जैसी आदतों के कारण देर रात तक जागना पड़ता है।

इन छोटी-छोटी खराब आदतों के कारण हमें अनियमित नींद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।

आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल

आज टीवी , मोबाइल आदि उपकरण हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं।

इनका अधिक उपयोग हमारे नींद चक्र को भंग करता है। रात को टीवी देखना और मोबाइल पर लगे रहने से हमारे नींद चक्र में बाधा उत्पन्न होती है।

रात को मोबाइल और टीवी देर तक देखने पर हमें जल्दी से नींद नहीं आती है,जिसके कारण सुबह जागने का चक्र भी प्रभावित होता है।

कुछ लोग रात को सोते समय कमरे की रोशनी खुली छोड़ देते हैं जिसके कारण नींद प्रभावित होती है। हमेशा लाइट बंद करके सोएं।

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दवाइयां

आज कल हर कोई किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है। इसके लिए हमें दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है। यह दवाइयां अगर हम लंबे समय के लिए खाए तो हमें अनियमित नींद चक्र से गुजरना पड़ता है।

कभी हम छोटी-छोटी परेशानी में भी दवाइयां खाना शुरू कर देते हैं जिससे हमें नींद बहुत देर में आती है या फिर नींद आती ही नहीं है और कभी शरीर में विटामिन कमी के कारण भी हमें नींद ठीक से नहीं आती। हमें बिना डॉक्टर की सलाह से दवाइयां नहीं खानी चाहिए।

मानसिक तनाव

आजकल भागदौड़ की जिंदगी में मानसिक तनाव होना आम बात हो गई है।

आजकल युवा वर्ग मे काम की टेंशन, एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ , ऑफिस की परेशानी, छोटी-छोटी बातों को लेकर चिंता करना मानसिक तनाव का कारण बनता जा रहा है।

जिसके कारण अनियमित नींद चक्र जैसे रोगों का सामना करना पड़ता है।

काम में व्यस्त होने के कारण या काम के ज्यादा दबाव के कारण मानसिक तनाव हो जाता हैं, जिसके कारण नींद मे बाधा उत्पन्न होती है और तनाव के कारण नींद बार-बार टूट जाती है।

इसके कारण सुबह जागने का चक्र खराब हो जाता है और फिर पूरी दिनचर्या पर इसका प्रभाव पड़ता है। मानसिक तनाव के कारण नींद प्रभावित होती हैं।

वातावरण

कभी-कभी हमारे आसपास के वातावरण के कारण हमें अनियमित नींद चक्र का शिकार होना पड़ता है। जैसे कि घर में ज्यादा शोर शराबा होना, बाहर से आवाज़ आना, आसपास ज्यादा शोर होना और बार-बार जगह बदलने से भी नींद बाधित होती है।

सफर के दौरान भी नींद का अनियमित होना आम बात है इसलिए हमें अपने आसपास के वातावरण को शांत रखना चाहिए, जिससे हमारी नींद बाधित ना हो। वातावरण का हमारे नींद चक्र पर गहरा असर पड़ता है।

अच्छी नींद आने के उपाय

इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में अच्छी नींद किसे नहीं पसंद, लेकिन हमारी छोटी-छोटी गलतियों के कारण हम अनियमित नींद चक्र के प्रभाव में आ जाते हैं।

लेकिन छोटे-छोटे उपाय और ठीक रहन-सहन से हम इसमें सुधार ला सकते हैं। छोटे-छोटे उपायों को हम हर रोज अपनी दिनचर्या में शामिल करें तो हमें अनिद्रा का शिकार नहीं होना पड़ेगा। यह उपाय हैं:-

  • योगा और व्यायाम से हम अनियमित नींद चक्र से बच सकते हैं। हमें रोज सुबह लगभग 45 मिनट तक योगा करके नींद चक्र को ठीक कर सकते हैं।
  • सोने से लगभग 2 या 3 घंटे पहले से ही हमें टीवी, मोबाइल जैसे उपकरण नहीं देखने चाहिए।
  • रात का खाना हमेशा हल्का लेना चाहिए। ज्यादा पेट भर कर खाने से भी नींद नहीं आती है।
  • सोने से पहले एक गिलास गरम दूध को अवश्य ले। इससे शरीर की थकान भी कम होती है और अच्छी नींद भी आती है।
  • सोने से पहले हमेशा तनाव मुक्त रहें और कोई अच्छी किताब पढ़ सकते हैं।
  • सोने और उठने का एक समय निश्चित करें। इससे आपको समय पर नींद आएगी और सुबह जागने का चक्र ठीक हो जाएगा
  • सोने से पहले शराब, सिगरेट, कैफ़ीन जैसी पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • रात को सबसे पहले अपनी नींद को प्राथमिकता दें। ऐसा नहीं की नींद के समय आप और काम को लेकर बैठ जाएं। इससे भी हमारी नींद बाधित होती है।
  • अगर आप अनियमित नींद चक्र से ज्यादा परेशान है तो आप किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाकर उनके परामर्श से नींद की दवाइयां भी ले सकते हैं।
  • रोजाना कोशिश करें कि एक ही समय पर सोएं और एक ही समय पर उठे और रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें।
  • दिन के समय कोशिश करें कि आप सोए नहीं, क्योंकि फिर रात में नींद आने में परेशानी होती है।

निष्कर्ष

ऊपर बताए गए उपायों अगर आप रोजाना अपने दिनचर्या में शामिल करेंगे तो आपको अनियमित नींद चक्र का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति के लिए आराम भी उतना ही उपयोगी है जितना काम।

लेकिन हम छोटी-छोटी गलतियों से अपने नींद चक्र को प्रभावित करते रहते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि हम कब अनिद्रा का शिकार हो गए हैं, और फिर हम नींद के लिए दवाइयों का सेवन करने लगते हैं जो पूरी तरह गलत है।

हम अपने जीवन शैली में थोड़े बदलाव से अनियमित नींद चक्र से बच सकते हैं।

सुबह जल्दी उठकर कसरत करने से शरीर को आराम मिलता है , और बीमारियों से भी निजात मिलता है, क्योंकि कुछ ऐसी भी बीमारियां हैं जिनके कारण हमें रात को ठीक से नींद नहीं आ पाती हैं, जिसके कारणवश शरीर थका हुआ रहता है।

अच्छी नींद से हमें नई उर्जा और फुर्ती मिलती है, जिसके कारण हम हर काम को मन लगाकर और आराम से कर सकते हैं।

इसलिए अच्छी नींद तन के लिए ही नहीं मन के लिए भी जरूरी हैं।

इसलिए हमेशा याद रखें हमारे जीवन में जितना काम का महत्व है उतना ही नियमित नींद का भी हैं।

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